रविवार, 17 जनवरी 2016

संजीव मिश्रा का गीत

         🌹शामियाना🌹
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"कड़ी धूप में छांव नेह की,
             देता है हर पल।
शामियाना माँ का आंचल,
       शामियाना माँ का आंचल॥

भुला दिया आस्तित्व स्वयं का,
वह अपने बच्चों में खोयी।
बच्चों के सुख में सुख पाये,
   बच्चों के दुख में वह रोयी।

माँ के आंसू की बूँदें भी,
        लगतीं गंगाजल।
शामियाना माँ का आंचल,
      शामियाना माँ का आंचल॥

बच्चे कुछ भी करलें फिर भी,
     माँ कब बच्चों से मुंह फेरे।
कैसी भी विपदा आये पर,
     माँ बैठी बच्चों को घेरे।

ढक लेती अपने बच्चों को,
         वह बनकर बादल।
शामियाना माँ का आंचल,
       शामियाना माँ का आंचल॥

माँ के चरणों को छूते ही,
      कर आये हम तीरथ सारे।
माँ के अंतर में सदियों से,
    बहते हैं ममत्व के धारे।

फूलों से भी बढकर लगता,
       माँ का मन कोमल।
शामियाना माँ का आंचल,
    शामियाना माँ का आंचल॥"

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         गीत - संजीव मिश्रा
                   पीलीभीत
     मो. 08755760194
          07078736282

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