🌻 बेटियां 🌻
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"कोमल पंखों से छू लेंगी,
ये अंवर उड़ कर।
बेटियां बेटों से बढ़ कर॥
भाग्यवान वह जिसके घर में,
गूंजे बेटी की किलकारी।
बेटा है यदि घर का दीपक,
बेटी आंगन की फुलवारी।
हरपल रहतीं साथ हमारे,
सुख दुख से जुड़ कर।
बेटियां बेटों से बढ़ कर॥
इनमें भी है अंश हमारा,
इनको मत कम करके जानो।
लता साइना किरन सरीखे,
इनके सपनों को पहचानो।
सच कर सकतीं हैं हर सपना,
ये भी लिख पढ़ कर।
बेटियां बेटों से बढ़ कर ॥
जग जननी ये शक्ति स्वरूपा,
इनके अंतर मातु भवानी।
सीता अनसुइया सी पावन,
लक्ष्मी बाई सी मर्दानी।
सावित्री बन छीनें पति को,
ये यम से लड़ कर।
बेटियां बेटों से बढ़ कर ॥"
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गीत - संजीव मिश्रा
पीलीभीत,उत्तर प्रदेश
मो. 08755760194
07078736282
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