रविवार, 17 जनवरी 2016

नीलम श्रीवास्तव का गीत

एक  छोटा  सा  गीत 
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न  माँगू  दौलते-दुनिया
जमाने  भर  की  ही  खुशियां
कि  प्रिय  तुमसे  तो  दिल  ने 
एक  ही  उपहार  माँगा  है
तुम्हारा  प्यार  माँगा  है

बडी  सूनी  पडी  हैं  इस 
हृदय  के  गाँव  की  गलियां
घिरे  हैं  घन  विषमता  के 
बनी  काँटा  सभी  कलियाँ 

ये  तो बर्बाद  गुलशन  है
बड़ा  नाशाद  ये  मन  है 
नहीं  मधुमास  आ  सकता  है ,
बस  पतझाड़  माँगा  है
तुम्हारा  प्यार  माँगा  है

हृदय  के  भाव  जब  छुपते 
नहीं  तब  गीत  बन जाते
उभर  कर  दर्द  दिल  के  ही
मधुर  संगीत  बन जाते

कहे  थे  बोल  जो  तूने 
लगे  थे  जो  बहुत  अपने
उसे  ही  गुनगुनाने  का 
फक़त  अधिकार  माँगा है
तुम्हारा  प्यार  माँगा  है

नीलम श्रीवास्तव
पटना बिहार
9955014693

2 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे गीत को यहाँ स्थान देने के लिए हार्दिक आभार अवनीश त्रिपाठी जी

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  2. मेरे गीत को यहाँ स्थान देने के लिए हार्दिक आभार अवनीश त्रिपाठी जी

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