सोमवार, 16 अक्तूबर 2017

ललिता देवी स्मृति न्यास द्वारा सुल्तानपुर में साहित्यकार सम्मान समारोह एवं पुस्तक विमोचन

15 अक्टूबर 2017
सुलतानपुर
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ललिता देवी स्मृति न्यास सुल्तानपुर उप्र द्वारा वृंदावन गेस्टहाउस हॉल में साहित्यकार सम्मान समारोह एवं पुस्तक विमोचन का आयोजन किया गया जिसमें सुल्तानपुर निवासी और ताज़महल आदि कई उम्दा फिल्मों में गीत लिखनेवाले मशहूर शायर ताबिश सुल्तानपुरी साहब के ग़ज़ल संग्रह 'दोपहर का फूल' और अवधी भाषा के अज़ीम शायर मोहतरम ज़ाहिल सुल्तानपुरी साहब के अवधी काव्यसंग्रह 'ढाई आखर' का विमोचन किया गया। साथ ही संस्था के अध्यक्ष सत्यदेव तिवारी जी ने संस्था की ओर से ज़ाहिल साहब को प्रशस्तिपत्र एवं 25 हज़ार रुपये की धनराशि देकर सम्मानित भी किया।अवधी,हिंदी,उर्दू भाषाओँ के सम्मिलन से निरन्तर 50 वर्ष से रचनाएँ करते हुए जाहिल साहब हमारे जनपद के सांप्रदायिक सौहार्द को स्थापित करते रहनेवाले कवि हैं।
  जनसंदेश टाइम्स के वरिष्ठ सम्पादक
सुभाष राय मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होनें कहा  राजनीति की ठगी को उजागर करने वाले कवि हैं जाहिल सुलतानपुरी । वे जनता को प्रेम करना सिखाते हैं आज बाजार के उजाले में बड़ा गहरा अंधेरा है ।एक शायर इसी की पहचान करता है । जाहिल और ताबिश ने इन्हीं अंधेरे को पहचान कर रोशनी फैलाने का काम किया है ।
     समारोह के विशिष्ठ अतिथि शकुन्तला मिश्र विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रोफेसर डी.एन.सिंह ने कहा कि महानगरीय साहित्यकार गोष्ठियों के नाम पर गप्प मारते हैं और छोटे शहरों के लोग साहित्य को हर पल जीते हैं व गोष्ठियों में गम्भीर रहते हैं ।प्रोफेसर देवेन्द्र ने कहा -ताबिश सुलतानपुरी की पुस्तक को देवनागरी लिपि में प्रस्तुत करके सुलतानपुर ने साहित्य पर उपकार किया है । जाहिल सुलतानपुरी पर अब साहित्य के आलोचकों का ध्यान जा रहा है यह काफी महत्त्वपूर्ण है ।
   आलोचक डॉ.राधेश्याम सिंह ने कहा  - जाहिल शब्दों के खिलाड़ी नहीं है लेकिन लोकतत्व पर उनकी पकड़ जबरदस्त है । जाहिल की रचनाओं का सही मूल्यांकन तब होगा जब उनकी प्रौढ़ रचनायें सामने आ जायेंगी । उन्होंने कहा - हिन्दी में ताबिश की रचनाओं के सामने आने से उनकी रचनाधर्मिता का विस्तार हुआ है ।
      साहित्यकार जगदीश पीयूष ने कहा - सामाजिक विसंगतियों को उजागर करने वाले कवि हैं जाहिल सुलतानपुरी ।
इससे पूर्व अदबी सफर के पचास साल पूरा करने पर पच्चीस हजार रुपये की धनराशि , सम्मान पत्र,अंगवस्त्र सहित अनेक उपहार देकर वरिष्ठ सम्पादक सुभाष राय , प्रोफेसर देवेन्द्र,राज खन्ना , सत्यदेव तिवारी , टी.एन.चौबे व डॉ राधेश्याम सिंह द्वारा जाहिल सुलतानपुरी का सम्मान किया गया ।
स्व. ताबिश सुलतानपुरी को याद करते हुये उनकी स्मृति का सम्मान किया गया । ताबिश के पुत्र अंजुम फरोग सिद्दीकी ने प्रोफेसर देवेन्द्र और सुभाष राय से सम्मान पत्र ,अंगवस्त्र और उपहार ग्रहण किये ।
समारोह में डॉ.ए.के.सिंह ,डॉ.दीपक मल्होत्रा , डॉ. कपूर , डॉ. आद्या प्रसाद सिंह 'प्रदीप', नवगीतकार अवनीश त्रिपाठी,दिव्या समिति के अध्यक्ष उत्कर्ष सिंह, डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय'साहित्येन्दु' युवा साहित्यकार ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह 'रवि' , डॉ. ओंकार नाथ द्विवेदी , राम सहाय यादव,डा.एम.पी.सिंह समेत जिले भर के सभी क्षेत्रों के अनेक प्रमुख लोग पूरे समय मौजूद रहे ।समारोह की अध्यक्षता गनपत सहाय पी.जी.कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ.त्रिभुवन नाथ चौबे ने की।कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ पत्रकार राजखन्ना और आभार ज्ञापन सत्यदेव तिवारी ने किया ।

रिपोर्ट-- ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि