🍁 प्रश्न 🍁
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"मैं रही पूंछती प्रश्न मगर,
सब पत्थर क्या देते उत्तर ।
किसको देखूं पीछे मुड़कर ?
कुछ प्रश्न किये माँबापू से,
कहते हो मुझे परायी क्यों ?
बेटे सब कुछ दिया मगर,
है मेरे भाग बिदाई क्यों ?
जब बैठ चली मैं डोली में,
क्यों रोका नहीं मुझे बढ़कर ?
किसको देखूं पीछे मुड़कर ?
कुछ प्रश्न किये ससुराल पहुंच,
क्यों कहें पराये घर से मैं ?
कब कौन कहां पर ठुकरा दे,
सहमी रहती इस डर से मैं।
क्यों वस्तु सरीखा जान मुझे ,
अधिकार समझते सब मुझ पर?
किसको देखूं पीछे मुड़कर ?
बोलें समाज के रखवाले,
पग पग पर मिले उपेक्षा क्यों ?
हर नियम निभाने की आखिर ,
मुझसे ही रहे अपेक्षा क्यों ?
देवी का उद्बोधन दे कर,
क्यों जीवन पशुओं से बदतर ?
किसको देखूं पीछे मुड़कर ? "
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गीत - संजीव मिश्रा
पीलीभीत
मो. 87557 60194
9568009894
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