मंगलवार, 2 अगस्त 2016

संजीव मिश्र का एक प्यारा गीत

             🍁 प्रश्न  🍁
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"मैं रही पूंछती प्रश्न मगर,
    सब पत्थर क्या देते उत्तर ।
किसको देखूं पीछे मुड़कर ?

कुछ प्रश्न किये माँबापू से,
       कहते हो मुझे परायी क्यों ?
बेटे सब कुछ दिया मगर,
       है मेरे भाग  बिदाई क्यों ?

जब बैठ चली मैं डोली  में,
      क्यों रोका नहीं मुझे बढ़कर ?
किसको देखूं पीछे मुड़कर ?

कुछ प्रश्न किये ससुराल पहुंच,
     क्यों कहें पराये घर से मैं ?
कब कौन कहां पर ठुकरा दे,
    सहमी रहती इस डर से मैं।

क्यों वस्तु सरीखा जान मुझे ,
    अधिकार समझते सब मुझ पर?
किसको देखूं पीछे मुड़कर ?

बोलें समाज के रखवाले,
      पग पग पर मिले उपेक्षा क्यों ?
हर नियम निभाने की आखिर ,
     मुझसे ही रहे अपेक्षा क्यों ?

देवी का उद्बोधन दे कर,
       क्यों जीवन पशुओं से बदतर ?
किसको देखूं पीछे मुड़कर ? "

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              गीत - संजीव मिश्रा
                     पीलीभीत
       मो. 87557 60194
             9568009894

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