गुरुवार, 4 अगस्त 2016

नीलम भारती की ग़ज़ल

      🌷🌷🌷🌷

तेरी साँसों में ही उतर जाऊँ,
तेरे बिन मैं भला किधर जाऊँ।
🌿🍀
देखकर तेरा अक्स सीसे में,
खुद ही खुद में ज़रा संवर जाऊँ।
🎋🍀
देखकर मुझको मुस्कुरा देना,
तेरी गलियो से ग़र गुज़र जाऊँ।
🍀🌷
ग़ैर से लग रहे हो तुम मुझको,
कैसे फिर तुममें मैं उतर जाऊँ।
🎋🌿
तेरे जाने के ख्याल भर से ही ;
यूँ न हो रेत सा बिखर जाऊँ ।
🍀🌿

नीलम भारती
इटौंजा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश

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