शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016

कन्हैया लखीमपुरी की ग़ज़ल

                       【ग़ज़ल

जेब करो  ढ़ीली  फिर उसके  बाद परोसी जाएगी,
सरकारी है  इसी  तरह  इमदाद   परोसी  जाएगी।

देखा-देखी  हरे भरे  पेड़ों ने  रच  डाली   साजिश,
सूखेँगे  तब  ही तो  उनको खाद  परोसी  जाएगी।

बेटोँ को गम नही बाप की  मौत हो  गई है  इसका,
खुश हैँ आपस मेँ उनकी जायदाद परोसी जाएगी।

इस मंदिर मस्जिद मेँ मुझसे जबरन लिया गया चंदा,
हैरत  मे   हूँ   कैसे   यहाँ   मुराद  परोसी  जाएगी।

इश्क मोहब्बत के शेरोँ पर जमकर ताली बजती है,
क्या ऐसी ग़जलोँ पर मुझको दाद परोसी  जाएगी?

सालोँ  बाद  कन्हैया  घर  आया,खाने की थाली मे,
बचपन  की  हर  खट्टी  मीठी  याद परोसी जाएगी।

                     *********

नाम-कन्हैया लखीमपुरी(कन्हैया तिवारी)
पता-
ग्राम -सेमरिया,पो॰बदालीपुर
जनपद-लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश
पिन-261502
फोन -09984637982

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