रविवार, 14 फ़रवरी 2016

धीरज श्रीवास्तव का गीत

🍂माफ करना🍂
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हो सके तो माफ करना
हाथ जोड़े जा रहा हूँ!
जिन्दगी सम्बन्ध तुमसे
आज तोड़े जा रहा हूँ!
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चुभ रहे थे ये हृदय में
रोज बनकर शूल से!
जो लगे थे पै़रहन पर
दाग मेरी भूल से!
आँसुओं ने धो दिए अब
बस निचोड़े जा रहा हूँ!
जिन्दगी सम्बन्ध----------
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सोचकर पछता रहा हूँ
साथ चल पाया नहीं!
तोड़कर मैं चाँद तारे
क्यों भला लाया नहीं?
क्या करूँ अब राह अपनी
मीत मोड़े जा रहा हूँ!
जिन्दगी सम्बन्ध---------
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अग्नि देकर यार मुझको
लौट आएँगें सभी!
पर रचे जो गीत तुम पर
खूब गाएँगें कभी!
इसलिए इनको तुम्हारे
पास छोड़े जा रहा हूँ!
जिन्दगी सम्बन्ध---------
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रचना -- धीरज श्रीवास्तव
मनकापुर,गोंडा,उत्तर प्रदेश
8858001681
चित्र गूगल से साभार

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