गीतिकालोक काव्य संग्रह- अद्वितीय संदर्भ काव्यानुभूतियाँ व अद्भुत गीतिका व छंद विधान
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समीक्ष्य कृति – गीतिकालोक, कृतिकार – ओम नीरव
(पृष्ठ – 280, पेपर कवर, मूल्य – 300 रूपये, संपर्क – 07526063802)
7 अप्रैल 2016 को सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश में अवनीश त्रिपाठी जी द्वारा आयोजित कवितालोक के सार्द्धशतकीय महाकुम्भ में 'गीतिकालोक' का लोकार्पण हुआ।
सार्द्धशतकीय अखिल भारतीय कविता लोक के महाकुम्भ का हिस्सा बनना मेरे लिये परम सौभाग्य का विषय है । इस अवसर पर लोकार्पण हुये गीतिकालोक संग्रह में मेरी भी दो गीतिकाओं व एक मुकतक को स्थान मिलने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ।
माननीय ओम नीरव जी के कुशल मार्गदर्शन में प्रकाशित हुआ यह संकलन हिंदी साहित्य में एक भावी मील का पत्थर प्रमाणित होगा ।
यह मात्र एक गीतिका संग्रह न हो कर गीतिका , छंद विधान व गजल की अनुपम निर्देशिका है जिसे हम जैसे नवोदित आवश्यकता पड़ने पर प्रयुक्त कर सकते हैं ।
अभी पिछले दिनों एक छंद विशेष के बारे में कुछ संशय हुआ तुरंत गीतिकालोक संग्रह से संबंधित जानकारी उपलब्ध हो गई ।
यह संग्रह अपने आप में संपूर्ण निर्देशिका है जिसे आने वाले समय में गीतिका सृजन के लिये सहितयकारों को आवश्यक मार्गदर्शन व जानकारी सहज ही उपलब्ध हो सकेगी।
माननीय ओम नीरव जी ने उपयुक्त उदाहरणों द्वारा छंदों के विधान की जो जानकारी दी है वह भी अपने आप में अद्वितीय है । उनकी कर्मठता ,सृजन शीतला , रचनाधर्मिता को हृदय से नमनहै ।
अविभूत हूँ कि इस महान गीतिका संग्रह में मुझे भी इस ऐतिहासिक प्रयास का हिस्सा बनने
का सुअवसर मिला।
कवितालोक परिवार के संरक्षक माननीय ओमनीरव जी को इस अद्वितीय सृजन व सभी रचनाकारों को इस महान संग्रह का हिस्सा बनने के लिये कोटि कोटि अभिनंदन व बधाई।
यह समर्पण भाव ही है जो इस तरह के भव्य आयोजन को ऊँचाई के शिखर तक पहुँचाता है ।
सादर नमन व आभार इस अदभुत अनुष्ठान के लिये माननीय ओम नीरव जी।
सूक्षम लता महाजन
नोएडा
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