शनिवार, 13 फ़रवरी 2016

संजीव मिश्र का मधुर गीत

    🌹मन का मधुबन🌹
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"मिली प्रीत छुअन,
     हुआ माटी से चन्दन।
खिले प्रेम के सुमन,
      सुगंधित मन का मधुबन॥

हरपल मन में लगन तुम्हारी,
     हरपल मन मतवाला।
साथ लिये मैं घूमूं पावन,
     भावों की जयमाला।

तेरी धुन में मगन,
      थिरकता मेरा तनमन।
खिले प्रेम के सुमन,
     सुगंधित मन का मधुबन॥

चाह जगी नयनों में मेरे,
     निसदिन तुम्हें निहारूं।
अधरों की बस यही कामना,
     तेरा नाम पुकारूं।

करो प्रीत का शगुन,
      बसो आ मन के आंगन।
खिले प्रेम के सुमन,
      सुगंधित मन का मधुबन॥

कोरा सा था जीवन मेरा ,
     तुमने रंग भरे हैं।
झूम उठा जब तुमने मेरे,
    मस्तक अधर धरे हैं।

जागी  अनबूझ अगन ,
        बरस जाओ बन सावन।
खिले प्रेम के सुमन,
         सुगंधित मन का मधुबन॥"

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         गीत - संजीव मिश्रा
                  पीलीभीत
      मो. 08755760194
           07078736282
चित्र गूगल से साभार

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