गुरुवार, 21 जनवरी 2016

निर्मल आर्या की ग़ज़ल

नाम -निर्मल आर्या
जन्म स्थान -जिला बागपत ( पश्चिमी उत्तर प्रदेश )
वर्तमान निवास -पानीपत ( हरयाणा  )
पद --गृहिणी
उपलब्धि -कवि सम्मेलनों में काव्यपाठ
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    📔【ग़ज़ल】📔
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वो फ़साने सुनाये जाते हैं !
हम उन्हें सच बनाए जाते हैं
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जाने किस बात की सज़ा दे कर
हमपे नश्तर चलाये जाते हैं !
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चोट खा कर हसीं नजारों से
हम ये दामन बचाये जाते हैं !
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उनकी महफ़िल है बेजुबानों की
हम किनारे बिठाये जाते हैं !
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तेरी मुर्दादिली को ऐ दिलबर
जिंदादिल हम ,निभाए जाते हैं !
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उनकी नज़रों में दिल खिलौना है
और हम जी से जाये जाते हैं !
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सर्द रिश्तों में गर्म चापों से
दिल की बस्ती जलाये जाते हैं !
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जिंदगी नाम है रवायत का
बोझ है बस उठाये जाते हैं !
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धर्म इमान जिनकी दौलत है
पागलों में वो लाये जाते हैं !
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राज योगी बनेंगी "निर्मल"भी
ये नजूमी बताये जाते हैं !

----निर्मल आर्या

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